
नैनिखड्ड (अमृता चौधरी) देश मे क्रोना का दंश इतना भयानक रहा कि जहां देश मे लाखो जिंदगियां लील गया, वहीं लोकडाउन लगाने के चलते देश की अर्थव्यवस्था तक चरमरा गई है। वहीं विद्यार्थियों की पढ़ाई की बात करें तो भले ही स्कूल प्रशासन व सरकारों ने बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था कर दी थी, लेकिन ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली में भी बच्चों और उनके अभिभावकों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
पिछले दो साल से घर पर बैठे बच्चों को शिक्षा की इतनी हानि हुई है कि अब बच्चे भी स्कूल खोलने की गुहार लगाने लगे। नैनिखड्ड के बैली में पड़ते सरकारी हाई स्कूल के बच्चों ने सरकार व स्कूल प्रशासन से स्कूल खोलने की गुहार लगाई है।
लूना गांव के नन्हे बच्चे स्नेहा, अम्बिका व पवनी का कहना है कि स्कूल हर हाल में लगने चाहिए। स्कूल नहीं लगने से हमारी पढ़ाई बहुत बर्बाद हो रही है।
उन्होंने कहा अब स्कूल शुरू हो रहे हैं, लेकिन सरकार द्वारा स्कूल खोलने के फैंसले को पढ़ने के बाद तब निराशा हाथ लगी जब पता चला कि स्कूल सिर्फ 10वीं से 12वीं तक खुल रहे हैं। नन्ही बच्चियों ने सरकार व स्कूल प्रशासन से से आग्रह करते हुए कहा कि बड़ी कक्षाओं के साथ साथ छोटे बच्चों के भी स्कूल खुलने चाहिए।
एक लड़की ने तो यहां तक कह दिया कि सरकार ने ठेके खोल दिए, सब कुछ खोल दिया। वहां पर करोना नहीं है। स्कूल में कैसे करोना हो सकता है ? करोना टाइम पर घर में कोई खास पढ़ाई नहीं हुई है। हमारे स्कूल हर हाल में खुलने चाहिए और स्कूल कभी भी बंद नहीं होने चाहिए। सरकार से आग्रह करते हैं कि कुछ भी हो स्कूलों की पढ़ाई किसी न किसी तरीके से जारी रहनी चाहिए।
